रक्षा बंधन 22 अगस्त (रविवार) यानी आज है। यह त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षा बंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। जबकि भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को अशुभ मुहूर्त में गिना जाता है। जिसके कारण इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। जानिए आज किन मुहूर्त में न बांधे राखी-
मध्यान्ह में वृश्चिक लग्न में दोपहर 12.00 बजे से 2.12 बजे तक और कुंभ लग्न में सायंकाल 6.06 बजे से 7.40 बजे तक का रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त है। 22 तारीख को सुबह 6.16 बजे तक भद्रा की उपस्थिति है। इस कारण सुबह 6.16 बजे तक रक्षा सूत्र नहीं बांध सकेंगे। शाम को 04 बजकर 30 मिनट से राहुकाल आरंभ होने से पहले रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा सकेगा। इस साल रक्षा बंधन पर चंद्रमा मंगल के नक्षत्र और कुंभ राशि पर संचार करेंगे।
आज इन मुहूर्त में न बांधे राखी-
राहुकाल- दोपहर 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। गुलिक काल- दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड- दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल- शाम को 5 बजकर 10 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक। भद्रा- सुबह 5 बजकर 54 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक। पंचक- सुबह 7 बजकर 57 मिनट से अगले दिन 5 बजकर 54 मिनट तक।
भद्राकाल में क्यों नहीं बांधते राखी-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ होता है। दरअसल शास्त्रों में राहुकाल और भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने की पीछ कारण है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती है।
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