भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया है। वे ओलिंपिक में लगातार 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। ओवरऑल सुशील कुमार के बाद वे भारत की दूसरी एथलीट हैं। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में चीन की जियाओ बिंग हे को केवल 52 मिनट में 21-13, 21-15 से हराया। सिंधु ने इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। सुशील ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।
ओवरऑल ओलिंपिक बैडमिंटन में भारत को तीसरा मेडल
साइना नेहवाल ब्रॉन्ज मेडल: लंदन ओलिंपिक (2012)
पीवी सिंधु सिल्वर मेडल: रियो ओलिंपिक (2016)
पीवी सिंधु ब्रॉन्ज मेडल: टोक्यो ओलिंपिक (2020)
टोक्यो ओलिंपिक में भारत को अब तक 3 मेडल टोक्यो ओलंपिक में भारत का यह तीसरा मेडल है। सबसे पहले मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग के 49 किलो वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। वहीं बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए मेडल पक्का कर चुकी हैं।
सिर्फ 52 मिनट में सिंधु ने मैच जीता पहले गेम में सिंधु ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए 4-0 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद जियाओ ने वापसी करते हुए 5-5 की बराबरी कर ली। फिर पहले गेम के हाफ को सिंधु ने शानदार शॉट्स लगाते हुए 11-8 से अंत किया। इसके बाद सिंधु ने अपनी बढ़त को कम नहीं होने दिया। सिर्फ 23 मिनट में भारतीय स्टार शटलर ने पहला गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में भी सिंधु ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए गेम 11-8 से आगे हो गईं। हालांकि चीनी खिलाड़ी ने लगातार 3 पॉइंट अर्जित किए और स्कोर 11-11 से बराबर कर दिया। इसके बाद सिंधु ने स्मैश और लॉन्ग शॉट का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए 4 पॉइंट बनाए और स्कोर 15-11 कर दिया। इसके बाद जियाओ सिर्फ 4 पॉइंट बना सकीं और सिंधु ने 6 पॉइंट बनाकर दूसरा गेम और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। सिंधु ने ये गेम महज 29 मिनट में जीता।
सिंधु-जियाओ के बीच अब तक 16 मैच हुए सिंधु और जियाओ के बीच अब तक कुल 16 मैच हुए हैं। इसमें से जियाओ ने 9 मैच और सिंधु ने 7 मैच जीते हैं। सिंधु ने जियाओ को पिछले दोनों मैच में हराया है। इस मैच से पहले सिंधु ने चीनी खिलाड़ी को 21-19, 21-19 से हराया था।
सिंधु को सेमीफाइनल मैच में हार मिली सिंधु को सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 चीनी ताइपे की ताइजु यिंग के खिलाफ 21-18, 21-13 से हार का सामना करना पड़ा था। यह मैच हारकर वह गोल्ड और सिल्वर के रेस से बाहर हो गईं थीं।
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